स्वच्छ भारत अभियान पर
निबंधस्वच्छ भारत अभियान माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाया गया भारत सरकार का एक सफाई अभियान है। यह एक महत्वपूर्ण विषय है और हमारे बच्चों और छात्रों को इसकी जानकारी होना आवश्यक है| यह एक सामान्य ज्ञान का विषय है और आम तौर पर छात्रों को स्कूलों में इसके बारे में लिखने को दिया जाता है। हम कुछ निम्नलिखित निबंध प्रदान कर रहे है जो आपके बच्चो व छात्रों को निबंध प्रतियोगिता में भाग लेने व उसे जितने में मदद करेंगी|
स्वच्छ
भारत अभियान निबंध
स्वच्छ
भारत अभियान को स्वच्छ भारत मिशन और स्वच्छता अभियान भी कहा जाता है| यह एक राष्ट्रीय स्तर का अभियान है और भारत सरकार द्वारा
चलायी जा रही है जो की शहरों और गाओं की सफाई के लिए आरम्भ की गयी है| इस अभियान में शौचालयों का निर्माण, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना, गलियों व सड़कों की सफाई, देश
के बुनियादी ढांचे को बदलना आदि शामिल है। इस अभियान को आधिकारिक तौर पर राजघाट, नई दिल्ली में 2 अक्टूबर
2014 को महात्मा गांधी की 145 वीं
जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था।
स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा चलायी गयी एक
स्वच्छता मिशन है। यह अभियान 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की 145 वें
जन्मदिन के अवसर पर भारत सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर शुरू किया गया था| यह राजघाट, नई दिल्ली जो की महात्मा गांधी
का अंतिम संस्कार का स्थान है, में शुरू किया गया था। भारत
सरकार २ अक्टूबर 2019 तक भारत को स्वच्छ भारत बनाने
का उद्देश्य रखी है जो की महात्मा गांधी की 150 वीं
जयंती होगी|
यह
एक राजनीति मुक्त अभियान है और देशभक्ति से प्रेरित है। यह प्रत्येक व्यक्ति के
लिए एक जिम्मेदारी है और इस देश को स्वच्छ देश बनाने के लिए हर भारतीय नागरिक की
भागीदारी की आवश्यकता है| इस अभियान को सफल बनाने के लिए
विश्व स्तर पर लोगों ने पहल की है। शिक्षक और स्कूल के छात्र इसमें पूर्ण उत्साह
और उल्लास के साथ शामिल हो रहे है और 'स्वच्छ
भारत अभियान' को सफल बनाने का प्रयास कर रहे
है|
स्वच्छ भारत अभियान के एक राष्ट्रव्यापी सफाई अभियान के रूप
में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई एक स्वच्छता अभियान है। यह एक
स्वच्छ भारत की कल्पना की दृष्टि से लागू किया गया है। भारत को एक स्वच्छ देश
बनाना महात्मा गांधी का एक सपना था इसीलिए इसे महात्मा गांधी की जयंती पर भारत
सरकार द्वारा शुरू किया गया। महात्मा गांधी ने अपने वक्त में नारो द्वारा और लोगो
को प्रेरित करके स्वच्छ भारत की कोशिश की थी किन्तु वो लोगो की कम रूचि के कारण
असफल रहे|
लेकिन
कुछ वर्षो बाद इस स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा पुनः
आरम्भ किया गया जो की महात्मा गांधी के 150 वीं
जयंती तक समाप्त होने का अनुमान है| यह
महात्मा गांधी की 145 वीं जयंती पर 2 अक्टूबर 2014 में शुरू किया गया। यह भारत के
सभी नागरिकों के लिए एक बड़ी चुनौती है। यह तभी संभव है जबकि भारत में रहने वाला
हर व्यक्ति इस अभियान के लिए अपनी जिम्मेदारी को समझे हैं और इसे एक सफल मिशन
बनाने के लिए एक साथ होकर पूरा करने की कोशिश करे। प्रसिद्ध भारतीय हस्तियों ने
इसकी पहल की और पूरे भारत से एक जागरूकता कार्यक्रम के रूप में इसका प्रसार किया|
स्वच्छ भारत मिशन या स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा
चलाया गया एक विशाल जन आंदोलन है जोकि पुरे भारत में सफाई को बढ़ावा देता है। इस
अभियान को 2019 तक एक स्वच्छ भारत का लक्ष्य
रखते हुए 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की 150 वीं
जन्मदिन के सुबह अवसर पर शुरू किया गया था। राष्ट्र पिता महात्मा गांधी ने भारत को
एक स्वच्छ भारत बनाने का सपना देखा और इसके लिए हमेशा कठिन प्रयास किये।
राष्ट्रपिता के सपने को साकार करने के लिए भारत सरकार ने इस अभियान को शुरू करने
का फैसला किया।
इस
मिशन का उद्देश्य सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को कवर करना है ताकि दुनिया के
सामने हम एक आदर्श देश का उदाहरण प्रस्तुत कर सके। मिशन के उद्देश्यो में से कुछ
उद्देश्य है, खुले में शौच समाप्त करना, अस्वास्थ्यकर शौचालयों को फ्लश शौचालय में परिवर्तित करना, हाथ से मल की सफाई को रोकना, ठोस
और तरल कचरे का पुन: उपयोग, लोगों को सफाई के प्रति जागरूक
करना, अच्छी आदतो के लिए प्रेरित करना, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था अनुकूल बनाना, व भारत में निवेश के लिए रुचि रखने वाले सभी निजी क्षेत्रों
के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करना आदि है|
इस
अभियान में बहुत ही रूचि पूर्ण तरीका इस्तेमाल हो रहा है जिसमे प्रत्येक व्यक्ति 9 लोगो को इससे जुड़ने के लिए आमंत्रित करेगा और फिर वह
प्रत्येक व्यक्ति अगले 9 लोगो को जुड़ने के लिए आमंत्रित
करेंगे और ये शृंखला तब तक चलती रहेगी जब तक की भारत का प्रत्येक नागरिक इससे जुड़
न जाए|
स्वच्छ
भारत अभियान भारत सरकार द्वारा चलाये जाने वाला एक राष्ट्रव्यापी सफाई अभियान है
जिसकी शुरुवात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महात्मा गांधी के 145 वें जन्मदिन के अवसर पर 2 अक्टूबर
२०१४ को की गयी थी| यह अभियान पूरे भारत में सफाई
के उद्देश्य को पूरा करने के लिए शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री ने लोगो से अपील
की है की वो स्वच्छ भारत मिशन से जुड़े और अन्य लोगो को भी इससे जुड़ने की प्रेरित
करे ताकि हमारा देश दुनिया का सबसे अच्छा और स्वच्छ देश बन सके| इस अभियान की शुरुवात स्वयं नरेंद्र मोदी ने सड़क की सफाई कर
के की थी|
स्वच्छ
भारत अभियान भारत की सबसे बड़ी कभी सफाई अभियान है जिसके शुभारम्भ पर लगभग 30 लाख स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों और सरकारी कर्मचारियों
ने भाग लिया। शुभारंभ के दिन प्रधानमंत्री ने नौ हस्तियों के नामो की घोषणा की और
उनसे अपने क्षेत्र में सफाई अभियान को बढाने और आम जनता को उससे जुड़ने के लिए
प्रेरित करने को कहा| उन्होंने यह भी कहा कि इन
हस्तियों को अगले ९ लोगो को इससे जुड़ने के लिए प्रेरित करना है और ये शृंखला तब तक
चलेगी जब तक की पुरे भारत तक इसका सन्देश न पहुंच जाये|
उन्होंने
यह भी कहा कि हर भारतीय इसे एक चुनौती के रूप में ले और इसे सफल अभियान बनाने के
लिए अपना पूरा प्रयास करे। नौ लोगों की श्रृंखला पेड़ की एक शाखाओं की तरह है।
उन्होंने आम जनता को इससे जुड़ने के लिए अनुरोध किया और कहा की वे सफाई की तस्वीर
सोशल मीडिया जैसे की फेसबुक, ट्विटर व अन्य वेबसाइट पर डालें
और अन्य लोगो को भी इससे जुड़ने के लिए प्रेरित करे। इस तरह भारत एक स्वच्छ देश हो
सकता है।
स्वच्छ
भारत अभियान निबंध 6 (400 शब्द)
राष्ट्रपिता
महात्मा गांधी ने भारत की स्वतंत्रता से पहले अपने समय के दौरान "स्वच्छता
आजादी से अधिक महत्वपूर्ण है" कहा था। वे भारत के बुरे और गन्दी स्थिति से
अच्छी तरह परिचित थे| उन्होंने भारत के लोगों को
साफ-सफाई और स्वच्छता के बारे और इससे अपने दैनिक जीवन में शामिल करने पे बहोत जोर
दिया था। हालांकि यह लोगो के कम रूचि के कारण असफल रहा। भारत की आजादी के कई
वर्षों के बाद, सफाई के प्रभावी अभियान के रूप
में इसे आरम्भ किया गया है और लोगो के सक्रिय भागीदारी चाहती है जिससे इस मिशन को
सफलता मिले।
भारत
के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जून 2014 में
संसद को संबोधित करते हुए कहा कि "एक स्वच्छ भारत मिशन शुरू किया जाएगा जो
देश भर में स्वच्छता, वेस्ट मैनेजमेंट और स्वच्छता
सुनिश्चित करने के लिए होगा। यह महात्मा गांधी की 150 वीं
जयंती पर 2019 में हमारे तरफ से श्रद्धांजलि
होगी"। महात्मा गांधी के सपने को पूरा करने और दुनिया भर में भारत को एक
आदर्श देश बनाने के क्रम में, भारत के प्रधानमंत्री ने
महात्मा गांधी के जन्मदिन (2 अक्टूबर 2014) पर स्वच्छ भारत अभियान नामक एक अभियान शुरू किया। इस अभियान
के पूरा होने का लक्ष्य 2019 है जो की महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती है|
इस
अभियान के माध्यम से भारत सरकार वेस्ट मैनेजमेंट तकनीकों को बढ़ाने के द्वारा
स्वच्छता की समस्याओं का समाधान करेगी। स्वच्छ भारत आंदोलन पूरी तरह से देश की
आर्थिक ताकत के साथ जुड़ा हुआ है। महात्मा गांधी के जन्म की तारीख मिशन के शुभारंभ
और समापन की तारीख है। स्वच्छ भारत मिशन शुरू करने के पीछे मूल लक्ष्य, देश भर में शौचालय की सुविधा देना, साथ ही दैनिक दिनचर्या में लोगों के सभी अस्वस्थ आदतो को
समाप्त करना है। भारत में पहली बार सफाई अभियान 25 सितंबर
2014 में शुरू हुयी और इसका आरम्भ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
द्वारा सड़क की सफाई से की गयी|
इस
मिशन की सफलता परोक्ष रूप से भारत में व्यापार के निवेशकों का ध्यान आकर्षित करना, जीडीपी विकास दर बढ़ाने के लिए, दुनिया भर से पर्यटकों को ध्यान खींचना, रोजगार के स्रोतों की विविधता लाने के लिए, स्वास्थ्य लागत को कम करने, मृत्यु
दर को कम करने, और घातक बीमारी की दर कम करने
और भी कई चीजो में सहायक होंगी। स्वच्छ भारत अधिक पर्यटकों को लाएगी और इससे
आर्थिक हालत में सुधार होगी। भारत के प्रधानमंत्री ने हर भारतीय को 100 घंटे प्रति वर्ष समर्पित करने के लिए अनुरोध किया है जोकि 2019 तक इस देश को एक स्वच्छ देश बनाने के लिए पर्याप्त है|
स्वच्छ
भारत अभियान भारत को गंदगी-रहित बनाने की एक ऐसी मुहिम और अभियान है जो राष्ट्रीय
आंदोलन के रुप में भारत सरकार द्वारा देश के 4041 सांविधिक
नगर की आधारभूत संरचना, सड़के, और पैदल मार्ग, की
साफ-सफाई का लक्ष्य कर आरंभ किया गया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने
आधिकारिक रुप से इसकी शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 गाँधी जयंती के दिन नई दिल्ली के राजघाट पर किया। इस अभियान
के आरंभ के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने खुद सड़क को साफ किया। ये अभी तक का सबसे
बड़ा सफाई अभियान है जिसमें 30 लाख सरकारी कर्मचारियों के साथ
स्कूल कॉलेजों के बच्चों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
इस
अभियान की शुरुआत के दिन प्रधानमंत्री ने कला, खेल
और साहित्य से जुड़े 9 हस्तियों को नामित किया
अपने-अपने क्षेत्रों में इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिये। स्कूल कॉलेजों ने भी अपने
तरीके से कई सारे कार्यक्रम आयोजित कर इसमें भाग लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने उन नौ
नामित लोगों से आग्रह किया कि वो अपनी तरफ से नौ व्यक्ति चुने जो भारत स्वच्छता
अभियान में पूरी इच्छाशक्ति से भाग ले और इस तरह एक पूरी मानव श्रृंखला का निर्माण
हो जिसमें देश के हर कोने से हर भारतीय शामिल हो और इसे राष्ट्र मिशन के रुप में
आगे बढ़ाये।
किसी
पेड़ की शाखाओं की तरह ही इस मिशन का भी मकसद भारत के हर-एक व्यक्ति को जोड़ना है, चाहे वो किसी भी व्यवसाय से हो। स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य
गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रहे सभी परिवारों को स्वास्थ्य प्रद शौचालय
प्रदान करना है, बेकार शौचालय को अल्प लागत
स्वास्थ्य-प्रद शौचालयों में बदलना, हैण्ड
पंप उपलब्ध कराना, सुरक्षित नहाना, स्वच्छता संबंधी बाजार हो, निकास
नली, ठोस और द्रव कचरे की उचित व्यवस्था हो, शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता हो, घरेलू और पर्यावरण संबंधी सफाई व्यवस्था आदि।
भारत
सरकार द्वारा व्यक्तिगत स्वच्छता और पर्यावरणीय स्वच्छता को लेकर इसके पहले कई
सारे जागरुकता कार्यक्रम( जैसे पूर्णं स्वच्छता अभियान,निर्मल भारत अभियान आदि ) प्रारंभ किये गए थे लेकिन इस तरह
के अभियान ज्यादा प्रभावी साबित नहीं हुए। इस अभियान का मुख्य लक्ष्य खुले में शौच
की प्रवृति को खत्म करना, अस्वास्थयकर शौचालयों को बहाने
वाले शौचालयों में तब्दील करना, हाथ से शौच की सफाई न करना, ठोस और द्रव कचरे को अचछी तरह से निपटान कर देना, साफ-सफाई को लेकर लोगों को जागरुक करना, लोगों के सोच में बदलाव लाना, साफ-सफाई
के सुविधाओं के प्रति प्राइवेट क्षेत्रों की भागीदारी को सुगम बनाना आदि।
इस
मिशन में प्रधानमंत्री द्वारा नामित किये गए नौ सदस्य थे, सलमान खान, अनिल अंबानी, कमल हासन, कॉमेडियन कपिल शर्मा, प्रियंका चोपड़ा, बाबा
रामदेव, सचिन तेंडुलकर, शशि थरुर और प्रसिद्ध टीवी धारावाहिक “तारक मेहता का उल्टा चश्मा” की
पूरी टीम। भारतीय फिल्म अभिनेता आमिर खान को इसके शुभारंभ के मौके पर आमंत्रित किया
गया था। इस अभियान के लिये प्रधानमंत्री द्वारा कई ब्रैंड एम्बेस्डर्स का भी चुनाव
किया गया था जिनको स्वच्छ-भारत अभियान को अलग-अलग क्षेत्रों में प्रारंभ और
प्रोत्साहित करने की जिम्मेदारी थी। 8 नवंबर
2014 को उन्होंने कुछ और लोगों को इससे जोड़ा (मोहम्द कैफ, सुरेश रैना, अखिलेश
यादव, स्वामी रामभद्रचार्या, कैलाश
खेर, राजू श्रीवास्तव, मनु
शर्मा, देवी प्रसाद द्विवेदी और मनोज
तिवारी ) और 25 दिसंबर 2014 को सौरव गांगुली, किरन
बेदी, रामो जी राव, सोनल
मानसिंह, और पदमानभा आचार्या आदि को
स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा बनाया।
कई
सारे दूसरे कार्यक्रम जैसे स्वच्छ भारत रन, स्वच्छ
भारत ऐप्स, रियल टाईम मॉनिटरिंग सिस्टम, स्वच्छ भारत लघु फिल्म, स्वच्छ
भारत नेपाल अभियान आदि इस मिशन के उद्देशय को सक्रियता से समर्थन करने के लिये
प्रारंभ और लागू किया गया।
परिचय:
स्वच्छ
भारत अभियान की शुरुआत सरकार द्वारा देश को स्वच्छता के प्रतीक के रुप में पेश
करना है। स्वच्छ भारत का सपना महात्मा गाँधी के द्वारा देखा गया था जिसके संदर्भ
में गाँधीजी ने कहा कि, ”स्वच्छता स्वतंत्रता से ज्यादा
जरुरी है” उनके अपने समय में वो देश की
गरीबी और गंदगी से अच्छे से अवगत थे इसी वजह से उन्होंने अपने सपनों को पाने के
लिये कई सारे प्रयास किये, लेकिन सफल नहीं हो सके। जैसा कि
उन्होंने स्वच्छ भारत का सपना देखा था, उन्होंने
कहा कि निर्मलता और स्वच्छता दोनों ही स्वस्थ और शांतिपूर्ण जीवन का अनिवार्य भाग
है। लेकिन दुर्भाग्य से भारत आजादी के 67 साल
बाद भी इन दोनों लक्ष्यों से काफी पीछे है। अगर आँकड़ो की बात करें तो केवल कुछ
प्रतिशत लोगों के घरों में शौचालय है, इसीलिये
भारत सरकार पूरी गंभीरता से बापू की इस सोच को हकीकत का रुप देने के लिये देश के
सभी लोगों को इस मिशन से जोड़ने का प्रयास कर रही है जिससे विश्व भर में ये सफल हो
सके।
इस
मिशन को अपने प्रारंभ की तिथि से बापू की 150वीं
पूण्यतिथि (2 अक्दूबर 2019) तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस अभियान को सफल बनाने के लिये
सरकार ने सभी लोगों से निवेदन किया कि वो अपने आसपास और दूसरी जगहों पर साल में
सिर्फ 100 घंटे सफाई के लिये दें। इसको
लागू करने के लिये बहुत सारी नीतियाँ और प्रक्रिया है जिसमें तीन चरण है, योजना चरण, कार्यान्वयन चरण, और निरंतरता चरण।
स्वच्छ
भारत अभियान क्या है ?
स्वच्छ
भारत अभियान एक राष्ट्रीय स्वच्छता मुहिम है जो भारत सरकार द्वारा स्थापित किया
गया है, इसके तहत 4041 सांविधिक नगरों के सड़क, पैदल
मार्ग और अन्य कई स्थल आते है। ये एक बड़ा आंदोलन है जिसके तहत भारत को 2019 तक पूर्णंत: स्वच्छ बनाना है। इसमें स्वस्थ और सुखी जीवन के
लिये महात्मा गाँधी के स्वच्छ भारत के सपने को आगे बढ़ाया गया है। इस मिशन को 2 अक्टूबर 2014(145वीं जन्म दिवस) को बापू के जन्म
दिवस के शुभ अवसर पर आरंभ किया गया है और 2 अक्टूबर
2019 (बापू के 150वीं जन्म दिवस ) तक पूरा करने
का लक्ष्य रखा गया है । भारत के शहरी विकास तथा पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के तहत
इस अभियान को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लागू किया गया है।
इस
मिशन का पहला स्वच्छता अभियान(25 सितंबर 2014) भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा इसके पहले शुरु किया जा चुका
था। इसका उद्देश्य सफाई व्यवस्था की समस्या का समाधान निकालना साथ ही सभी को
स्वच्छता की सुविधा के निर्माण द्वारा पूरे भारत में बेहतर मल प्रबंधन करना है।
स्वच्छ
भारत अभियान की जरुरत
अपने
उद्देश्य की प्राप्ति तक भारत में इस मिशन की कार्यवाही निरंतर चलती रहनी चाहिये।
भौतिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक कल्याण के लिये भारत के लोगों में इसका
एहसास होना बेहद आवश्यक है। ये सही मायनों में भारत की सामाजिक स्थिति को बढ़ावा
देने के लिये है जो हर तरफ स्वच्छता लाने से शुरु किया जा सकता है। यहाँ नीचे कुछ
बिंदु उल्लिखित किये जा रहे है जो स्वच्छ भारत अभियान की आवश्यकता को दिखाते है।
- ये बेहद जरुरी है कि भारत के हर घर में शौचालय हो साथ
ही खुले में शौच की प्रवृति को भी खत्म करने की आवश्यकता है।
- अस्वास्थ्यकर शौचालय को पानी से बहाने वाले शौचालयों
से बदलने की आवश्यकता है।
- हाथ के द्वारा की जाने वाली साफ-सफाई की व्यवस्था का
जड़ से खात्मा जरुरी है।
- नगर निगम के कचरे का पुनर्चक्रण और दुबारा इस्तेमाल, सुरक्षित
समापन, वैज्ञानिक तरीके से मल
प्रबंधन को लागू करना।
- खुद के स्वास्थ्य के प्रति भारत के लोगों की सोच और
स्वाभाव में परिवर्तन लाना और स्वास्थ्यकर साफ-सफाई की प्रक्रियों का पालन
करना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में वैश्विक
जागरुकता का निर्माण करने के लिये और सामान्य लोगों को स्वास्थ्य से जोड़ने
के लिये।
- इसमें काम करने वाले लोगों को स्थानीय स्तर पर कचरे के
निष्पादन का नियंत्रण करना, खाका
तैयार करने के लिये मदद करना।
- पूरे भारत में साफ-सफाई की सुविधा को विकसित करने के
लिये निजी क्षेत्रों की हिस्सेदारी बढ़ाना।
- भारत को स्वच्छ और हरियाली युक्त बनाना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार
लाना।
- स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से समुदायों
और पंचायती राज संस्थानों को निरंतर साफ-सफाई के प्रति जागरुक करना।
- वास्तव में बापू के सपनों को सच करने के लिये ये सब
करना है।
शहरी
क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान
शहरी
क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य हर नगर में ठोस कचरा प्रबंधन सहित लगभग
सभी 1.04 करोड़ घरों को 2.6 लाख
सार्वजनिक शौचालय, 2.5 लाख सामुदायिक शौचालय उपलब्ध
कराना है। सामुदायिक शौचालय के निर्माण की योजना रिहायशी इलाकों में की गई है जहाँ
पर व्यक्तिगत घरेलू शौचालय की उपलब्धता मुश्किल है इसी तरह सार्वजनिक शौचालय की
प्राधिकृत स्थानों पर जैसे बस अड्डों, रेलवे
स्टेशन, बाजार आदि जगहों पर। शहरी
क्षेत्रों में स्वच्छता कार्यक्रम को पाँच वर्षों के अंदर 2019 तक पूरा करने की योजना है। इसमें ठोस कचरा प्रबंधन की लागत
लगभग 7,366 करोड़ रुपये है, 1,828 करोड़ जन सामान्य को जागरुक करने के लिये है, 655 करोड़ रुपये सामुदायिक शौचालयों के लिये, 4,165 करोड़ निजी घरेलू शौचालयों के लिये आदि। वो कार्यक्रम
जिन्हें पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है-खुले में शौच की प्रवृति को जड़ से हटाना, अस्वाथ्यकर शौचालय को पानी से बहाने वाले शौचालयों में
परिवर्तन, खुले हाथों से साफ-सफाई की
प्रवृति को हटाना, लोगों की सोच में परिवर्तन लाना
और ठोस कचरा प्रबंधन करना।
ग्रामीण
स्वच्छ भारत मिशन
ग्रामीण
स्वच्छ भारत मिशन एक ऐसा अभियान है जिसमें ग्रामीण भारत में स्वच्छता कार्यक्रम को
अमल में लाना है। ग्रामीण क्षेत्रों को स्वच्छ बनाने के लिये 1999 में भारतीय सरकार द्वारा इससे पहले निर्मल भारत अभियान
(जिसको पूर्णं स्वच्छता अभियान भी कहा जाता है) की स्थापना की गई थी लेकिन अब इसका
पुर्नगठन स्वच्छ भारत अभियान(ग्रामीण) के रुप में किया गया है। इसका मुख्य
उद्देश्य ग्रामीणों को खुले में शौच करने की मजबूरी से रोकना है, इसके लिये सरकार ने 11 करोड़
11 लाख शौचालयों के निर्माण के लिये एक लाख चौतिस हजार करोड़
की राशि खर्च करने की योजना बनाई है। ध्यान देने योग्य है कि सरकार ने कचरे को
जैविक खाद् और इस्तेमाल करने लायक ऊर्जा में परिवर्तित करने की भी है। इसमें ग्राम
पंचायत, जिला परिषद, और पंचायत समिती की अच्छी भागीदारी है। निम्नलिखित स्वच्छ
भारत मिशन(ग्रामीण) का लक्ष्य है:
- ग्रामीण क्षेत्रों मे रह रहे लोगों के जीवन स्तर में
सुधार लाना।
- 2019 तक स्वच्छ भारत के लक्ष्य
को पूरा करने के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में साफ-सफाई के लिये लोगों को
प्रेरित करना।
- जरुरी साफ-सफाई की सुविधाओं को निरंतर उपलब्ध कराने के
लिये पंचायती राज संस्थान, समुदाय
आदि को प्रेरित करते रहना चाहिये।
- ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस और द्रव कचरा प्रबंधन पर
खासतौर से ध्यान देना तथा उन्नत पर्यावरणीय साफ-सफाई व्यवस्था का विकास करना
जो समुदायों द्वारा प्रबंधनीय हो।
- ग्रामीण क्षेत्रों में निरंतर साफ-सफाई और पारिस्थितिक
सुरक्षा को प्रोत्साहित करना।
स्वच्छ
भारत-स्वच्छ विद्यालय अभियान
ये
अभियान केन्द्रिय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा चलाया गया और इसका उद्देश्य भी
स्कूलों में स्वच्छता लाना है। इस कार्यक्रम के तहत 25 सितंबर 2014 से 31 अक्टूबर 2014 तक केंद्रिय विद्यालय और नवोदय
विद्यालय संगठन जहाँ कई सारे स्वच्छता क्रिया-कलाप आयोजित किये गए जैसे
विद्यार्थियों द्वारा स्वच्छता के विभिन्न पहलूओं पर चर्चा, इससे संबंधित महात्मा गाँधी की शिक्षा, स्वच्छता और स्वाथ्य विज्ञान के विषय पर चर्चा, स्वच्छता क्रिया-कलाप(कक्षा में, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, मैदान, बागीचा, किचन शेड दुकान, खानपान
की जगह इत्यादि)। स्कूल क्षेत्र में सफाई, महान
व्यक्तियों के योगदान पर भाषण, निबंध लेखन प्रतियोगिता, कला, फिल्म, चर्चा, चित्रकारी, तथा स्वाथ्य और स्वच्छता पर नाटक मंचन आदि। इसके अलावा
सप्ताह में दो बार साफ-सफाई अभियान चलाया जाना जिसमें शिक्षक, विद्यार्थी, और
माता-पिता सभी हिस्सा लेंगे।
निष्कर्ष
इस
तरह हम कह सकते है कि 2019 तक भारत को स्वच्छ और हरा-भरा
बनाने के लिये स्वच्छ भारत अभियान एक स्वागत योग्य कदम है। जैसा कि हम सभी ने
कहावत में सुना है 'स्वच्छता भगवान की ओर अगला कदम
है'। हम विश्वास के साथ कह सकते है कि अगर भारत की जनता द्वारा
प्रभावी रुप से इसका अनुसरण किया गया तो आने वाले चंद वर्षों में स्वच्छ भारत
अभियान से पूरा देश भगवान का निवास स्थल सा बन जाएगा। चूँकि स्वच्छता से ईश्वर का
गर्मजोशी से स्वागत शुरु हो चुका है तो हमें भी अपने जीवन में स्वच्छता को जारी रख
उनको बनाये रखने की आवश्यकता है, एक स्वस्थ्य देश और स्वस्थ्य
समाज को जरुरत है कि उसके नागरिक स्वस्थ्य रहें तथा हर व्यवसाय में स्वच्छ हो।
1 comments:
bahut achha essay likha hai aapne
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